Holi 2024 Tips : चमकदार त्योहार होली का महत्व आज बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जबकि यह त्योहार रंगों के बिना अधूरा होता है, बहुत से लोगों के लिए होली के उत्सव के दौरान कई बार त्वचा संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह त्वचा समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए, होली खेलते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान देना बेहद आवश्यक है। होली को सुखद प्राकृतिक रंगों के साथ खेलना महत्वपूर्ण है और गीले रंग या तरल रंग से बचना चाहिए।
डॉक्टर भी मानते हैं कि होली के दौरान सभी को अपनी त्वचा की विशेष देखभाल करनी चाहिए। राजकुमारी गांधी मेडिकल कॉलेज में त्वचा रोग और डर्मेटोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र चपरवाल ने होली के दौरान सावधानियों का पालन करने की महत्वता पर जोर दिया। होली के दौरान सुखे रंगों का प्रयोग करना सलाहकार है और जितना हो सके प्राकृतिक गुलाल का उपयोग करना चाहिए। आमतौर पर देखा जाता है कि अधिकांश त्वचा क्षति केमिकल और सिंथेटिक रंगों के कारण होती है जो जहरीले रासायनिक तत्वों को शामिल करते हैं।
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होली के दौरान बातों का इस्तेमाल न करें:
इसके अलावा, होली खेलने वाले लोगों को पानी आधारित रंगों और तरल रंगों के साथ खेलने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। पानी आधारित रंगों के साथ खेलने और लंबे समय तक रंगों में रहने से धूप के प्रकाश और सूर्य दाह से त्वचा को नुकसान हो सकता है। अक्सर देखा जाता है कि कई लोग होली के दौरान शरारती क्रिया के रूप में पानी में रंग डालते हैं। यह रंगीन पानी भी हानिकारक हो सकता है।
आवश्यक सावधानियाँ:
डॉ. चपरवाल, डर्मेटोलॉजिस्ट, ने कहा कि होली खेलने के बाद यदि कोई प्रतिक्रिया हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, और इस संबंध में लापरवाही की जानी नहीं चाहिए। कुछ लोग सोचते हैं कि होली के बाद वे डॉक्टर से मिलेंगे, जब तक त्वचा काफी नुकसान हो चुका होता है। इसलिए, सलाह दी जाती है कि होली केवल प्राकृतिक रंगों के साथ ही खेली जाए और किसी भी तरह के गीले रंगों से बचा जाए।