Haryana News: आपको बता दें, की रेल कॉरिडोर नजदीक होने से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम होगी और वाहन आसानी से भर सकेंगे। इससे डीजल बचेगा और प्रदूषण कम होगा, जानिए पूरी खबर।
Trending Mudde: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने अंतरिम बजट में तीन अलग-अलग रेल कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर का विकास अब शुरू हो गया है। इस परियोजना में HRIDCC शामिल होगा। इस रेल लाइन के निर्माण से कई जिले सीधे लाभ उठाएंगे। रिपोर्ट बताती है कि नई रेल लाइन पर लगभग पंद्रह स्टेशन बनाए जाएंगे। समाचार निम्नलिखित है।
दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक को कम करने के लिए एक्सप्रेस-वे, हाईवे, रेलवे और मेट्रो सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इस श्रृंखला में हरियाणा शहर रेल कॉरिडोर बनाने की योजनाएं शुरू हो गई हैं। इसके आगमन से आईएमटी मानेसर का परिदृश्य बदल जाएगा।
हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) द्वारा किया जाना है। Finance Express के अनुसार, HORC Project का एक हिस्सा A से King तक है। विद्युतीकृत दोहरी ट्रैक रेलवे लाइन 29.5 किलोमीटर लंबी होगी और नूंह और गुरुग्राम जिलों से गुजरेगी।
इस रेल कॉरिडोर में स्टेशन सोनीपत से तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आइएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में बनाए जाएंगे।
विशेष रूप से, यह रेल कॉरिडोर देश की सबसे बड़ी कार और मोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के प्लांट से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर होगा। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर (Haryana Orbital Rail Corridor) के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को क्या फायदा होगा?
हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर क्या खास है? हरियाणा रेल आर्बिटल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों से दिन में 5 करोड़ टन माल की ढुलाई संभव होगी। इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। दो टनल कॉरिडोर पर बनाई जाएगी। विशेष रूप से, इस सुरंग का निर्माण ऐसा होगा कि दो स्टेक कंटेनर आसानी से बाहर निकल सकें। दोनों अप-डाउन टनल 4.7 किलोमीटर लंबे, 11 मीटर ऊंचे और 10 मीटर चौड़े होंगे।
KMP Expressway के साथ विकसित होगा
KMP Expressway के साथ हरियाणा रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा। क्योंकि यह कॉरिडोर मानेसर में मारुति सुजुकी के प्लांट से सिर्फ 200 मीटर दूर है। अब तक, कारें प्लांट से पांच किलोमीटर दूर लोड की जाती हैं। रेल कॉरिडोर नजदीक होने से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम होगी और वाहन आसानी से भर सकेंगे। इससे डीजल बचेगा और प्रदूषण कम होगा। हरियाणा रेल आर्बिटल कॉरिडोर, तावड़ू और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ेगा। इससे कारें देश भर में कम से कम समय में पहुंच जाएंगी।
प्रोजेक्ट की लंबाई 126 किलोमीटर होगी, जो पलवल रेलवे स्टेशन से सोनीपत में हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक होगी। इस परियोजना से पांच जिलों (पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत) को सीधा लाभ मिलेगा।
हरियाणा रेल आर्बिटल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों से दिन में 5 करोड़ टन माल की ढुलाई संभव होगी। इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। दो टनल कॉरिडोर पर बनाई जाएगी। विशेष रूप से, इस सुरंग का निर्माण ऐसा होगा कि दो स्टेक कंटेनर आसानी से बाहर निकल सकें। दोनों अप-डाउन टनल 4.7 किलोमीटर लंबे, 11 मीटर ऊंचे और 10 मीटर चौड़े होंगे।
इस रेल कॉरिडोर में स्टेशन सोनीपत से तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आइएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में बनाए जाएंगे। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर (Haryana Orbital Rail Corridor) के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को क्या फायदा होगा? इस श्रृंखला में हरियाणा शहर रेल कॉरिडोर बनाने की योजनाएं शुरू हो गई हैं। इसके आगमन से आईएमटी मानेसर का परिदृश्य बदल जाएगा। रेल कॉरिडोर नजदीक होने से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम होगी और वाहन आसानी से भर सकेंगे।
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Hi, My name is Jyoti Arora. I am a Sr. Journalist from Haryana. I done my post graduation in Journalism and Mass Communication from Kurukshetra University Kurukshetra, Haryana.