Gratuity: इतने हजार सैलरी वालों को मिलेगी 4,24,038 रुपये Gratuity, सरकार ने बताएं नियम

Gratuity: आपको बता दें, की अगर कोई नियोक्ता या कंपनी ग्रीच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं है, तो भी वह अपने कर्मचारियों को इसका लाभ दे सकती है। ऐसे नियोक्ताओं के लिए ग्रेच्युटी की गणना करने का फॉर्मूला बदल जाएगा, जानिए पूरी खबर।

Trending Mudde: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की नौकरीपेशा व्यक्ति को वेतन के अलावा कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। ग्रेच्युटी (gratuity), जो किसी कंपनी या नियोक्ता के साथ एक निश्चित समय तक काम करने के एवज में दिया जाता है, इसमें से एक है। नियमों में काफी अंतर होता है, लेकिन सभी कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार हैं। यही कारण है कि नियोक्ता ग्रेच्युटी के रूप में कितना भुगतान करता है?

ग्रेजुएट नियमों के तहत इसकी गणना अंतिम सैलरी के आधार पर की जाती है। इसमें काम की पूरी अवधि को शामिल किया गया है। ग्रेजुएट को हर साल पंद्रह दिन के वेतन के बराबर मिलता है, जो पांच साल या अधिक समय तक काम करने वालों को मिलता है। 15 दिन का वेतन भी पूरे महीने की सैलरी में नहीं जोड़ा जाता, चार रविवार को छोड़कर हर महीने सिर्फ 26 दिन काम होता है। ऐसे में, ग्रेजुएट की गणना के लिए 30 दिन की जगह सिर्फ 26 दिन होते हैं।

50 हजार की सैलरी पर कितनी ग्रेजुएट की गणना करने के लिए तय फॉर्मूला है X 15/26, अंतिम सैलरी X नौकरी के वर्ष। यही फॉर्मूले पर, 50 हजार रुपये की अंतिम सैलरी वाले आदमी को कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? मान लीजिए किसी व्यक्ति की बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है, उसे 15 हजार रुपये महंगाई भत्ता और 10 हजार रुपये अन्य खर्चों में मिलते हैं।

कुल वेतन 50 हजार हो जाता है। मान लीजिए कि एक व्यक्ति ने 20 साल 10 महीने काम किया, तो उसका कुल वर्ष 21 होगा। 50 हजार X 21 X 15/26 के आधार पर इस पर ग्रेड निर्धारित किया जाएगा। कुल 6,05,769 रुपये इस प्रकार मिलेंगे।

यहां नियम बदल जाएंगे, अगर कोई नियोक्ता या कंपनी ग्रीच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं है, तो भी वह अपने कर्मचारियों को इसका लाभ दे सकती है। ऐसे नियोक्ताओं के लिए ग्रेच्युटी की गणना करने का फॉर्मूला बदल जाएगा, हालांकि। यहां ग्रेच्युटी की गणना सीधे 30 दिन काम करने के बजाय हर महीने 26 दिन काम करेगी। यदि किसी व्यक्ति की अंतिम सैलरी 35 हजार रुपये है और उसने 21 साल तक काम किया है, तो फॉर्मूला 35 हजार X 21 X 15/30 होगा। ग्रेच्युटी के रूप में 4,24,038 रुपये खर्च होंगे।

आपको बता दें, की ग्रेजुएट नियमों के तहत इसकी गणना अंतिम सैलरी के आधार पर की जाती है। इसमें काम की पूरी अवधि को शामिल किया गया है। ग्रेजुएट को हर साल पंद्रह दिन के वेतन के बराबर मिलता है, जो पांच साल या अधिक समय तक काम करने वालों को मिलता है। 15 दिन का वेतन भी पूरे महीने की सैलरी में नहीं जोड़ा जाता. चार रविवार को छोड़कर हर महीने सिर्फ 26 दिन काम होता है। ऐसे में, ग्रेजुएट की गणना के लिए 30 दिन की जगह सिर्फ 26 दिन होते हैं।

किसी कंपनी या नियोक्ता के साथ एक निश्चित समय तक काम करने के एवज में दिया जाता है, इसमें से एक है। नियमों में काफी अंतर होता है, लेकिन सभी कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार हैं। यही कारण है कि नियोक्ता ग्रेच्युटी के रूप में कितना भुगतान करता है? 15 दिन का वेतन भी पूरे महीने की सैलरी में नहीं जोड़ा जाता, चार रविवार को छोड़कर हर महीने सिर्फ 26 दिन काम होता है। ऐसे में, ग्रेजुएट की गणना के लिए 30 दिन की जगह सिर्फ 26 दिन होते हैं। नौकरीपेशा व्यक्ति को वेतन के अलावा कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। ग्रेच्युटी (gratuity), जो किसी कंपनी या नियोक्ता के साथ एक निश्चित समय तक काम करने के एवज में दिया जाता हैं। जुएट को हर साल पंद्रह दिन के वेतन के बराबर मिलता है, जो पांच साल या अधिक समय तक काम करने वालों को मिलता है।

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