Income Tax : जैसा कि आपको पता है, वित्तीय वर्ष 2023-2024 का अंत आ रहा है, जिसके कारण आयकर विभाग ने सभी कार्यों पर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके परिणामस्वरूप, आयकर विभाग ने इस सरकारी बैंक पर 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आइए जानते हैं कि इस जुर्माने को लगाने के पीछे का असली कारण क्या है।
आयकर विभाग ने बैंक ऑफ इंडिया पर 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बारे में आयकर विभाग की ओर से आदेश भी जारी किए गए हैं। बैंक इस जुर्माने के खिलाफ राष्ट्रीय फेसलेस अपील केंद्र में अपील करने की तैयारी में है। बैंक ऑफ इंडिया ने स्टॉक मार्केट को इस मामले के बारे में सूचित किया है।
जुर्माने में कमी की उम्मीद
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि जुर्माने की राशि कम होगी। बैंक का दावा है कि उनके पास इस स्थिति के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार है, जो जुर्माने को कम करने में मदद करेगा। आयकर विभाग द्वारा इस कार्रवाई का बैंक के वित्तीय संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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बैंक ने स्टॉक मार्केट को बताया है कि उन्हें आयकर विभाग का आदेश मिला है, जो 2018-19 असेसमेंट वर्ष से संबंधित है, जिसमें धारा 270A के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए 564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
ग्राहकों पर प्रभाव
आयकर विभाग की कार्रवाई से बैंक की गतिविधियों या ग्राहकों पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा। आयकर विभाग द्वारा बैंक की अपील पर निर्णय लिया जाएगा। उसके बाद ही तय होगा कि बैंक को कितना जुर्माना अदा करना है।
अन्य पर भी भारी जुर्माने लगे हैं
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने के कारण, बैंक ऑफ इंडिया पर 1.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था। कुछ समय पहले, इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड पर 13.60 लाख रुपये और बंधन बैंक पर 29.55 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया था।