Budget 2024, Nirmala Sitharaman: बकाया टैक्स डिमांड (Tax Demand) वाले लोगों को राहत प्रदान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्माल, नॉन- रिजॉल्वेबल और डिस्प्यूट डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लेने का प्रस्ताव सबके सामने रखा था.
भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट 2024 (Interim Budget) पेश करने के बाद इन्कम टैक्स को लेकर खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि आखिरी इनकम टैक्स में छूट (Income Tax Deduction) और टैक्स स्लैब में आखिर क्यों बदलाव नहीं हुआ? यूनियन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने अन्तरिम बजट पेश करने के दो दिन बाद बातचीत के दौरान इस राज से पर्दा हटा दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरिम बजट 2024 (Budget 2024) में इनकम टैक्स में छूट या टैक्स स्लैब (Tax Slab) में बदलाव पर फैसला लेने का समय नहीं था. टैक्स के साथ साथ कई और सेक्टर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स को पहले की तरह ही समान रखने का प्रस्ताव दिया था.
बकाया टैक्स डिमांड में दी गई छूट
बकाया टैक्स डिमांड (Tax Demand) वाले लोगों को राहत देते हुए FM Nirmala Sitharaman स्माल, नॉन- रिजॉल्वेबल और डिस्प्यूट डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लेने का प्रस्ताव रखा था. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये तक की Tax Demand और वित्त वर्ष 2011 से 2015 के लिए 10 हजार रुपये तक की टैक्स डिमांड वापस ले ली जाएगी. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापार और जीवन में आसानी के लिए यह कदम उठाया गया है.
बकाया टैक्स मे क्यों दी गई छुट
उन्होंने कहा कि कुछ बकाया टैक्स डिमांड 1962 की हैं, जो अभी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिस कारण टैक्सपेयर्स को चिंता हो रही और रिफंड होने में भी दिक्कत आ रही है. उन्होंने कहा कि इस छूट से करीब 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को लाभ पहुंचेगा.
टैक्स से लोगों को हो रही बचत
पिछले कुछ वर्षों में घरेलू बचत (saving) में कमी पर बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि यह धारणा बिलकुल गलत है. डाकघर की छोटी बचत योजनाओं (PO Small Saving Scheme) के तहत पैसों की बचत लोग कर रहे है. हालांकि लोग पोस्ट ऑफिस के अलावा अन्य निवेश योजनाओं की ओर रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब के तहत ओल्ड टैक्स रीजीम (Old Tax Regime) में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा और नई टैक्स व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर टैक्स लगना शुरू होता है.
सरकार ने घटाई टैक्स में देनदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने टैक्स को कम और तर्कसंगत रूप दिया है. नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत अब 7 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए कोई देनदारी तय नहीं की गई है. वहीं रिटेल बिजनेस के लिए अनमुनित टैक्स लिमिट 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये हो चुकी है. इसके अलावा, कॉर्पोरेट टैक्स की दर मौजूदा घरेलू कंपनियों के लिए 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत और कुछ नई कंपनियों के लिए 15 फीसदी किया है.
बीते साल की तरह अंतरिम बजट 2024 में इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) के लिए बहुत खास ऐलान तो नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने विकास परियोजनाओं पर खर्च करने का बजट बढ़ाया है. सरकार ने बुनियादी ढांचे या इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए खर्च मे 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है और इस सेक्टर को 11.11 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इन पैसों को सरकार रोड, रेलवे, हवाई अड्डे और अन्य जगहों पर खर्च करेगी.
सरकार का फोकस इन पैसों को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च (Infrastructure Expenditure) करके विकास को और गति देना है. रेलवे से लेकर एयरपोर्ट पर होने वाले खर्च से नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा डेवलप किया जाएगा. इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर GDP का कितना खर्च
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पिछले चार साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर चार गुना खर्च में बढ़ोतरी की गई है. इससे रोजगार और आर्थिक विकास में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि इस बजट में 11.1 प्रतिशत खर्च और बढ़ाया जा रहा है, जो कुल 11,11,111 करोड़ रुपये होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.4 प्रतिशत होगा.
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राज्यों को भी देगी कर्ज
केंद्र सरकार का इंफ्रा पर फोकस इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सरकार राज्यों को भी इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने के लिए कर्ज देगी. सरकार राज्यों को 1.3 लाख करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म कर्ज देगी. पिछले साल के दौरान केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च में रिकॉर्ड बढ़ोतरी 37.5 फीसदी का करके इसे 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया था. हालांकि अभी मार्च तक 9.5 लाख करोड़ रुपये तक ही खर्च हो पाएंगे. इससे पहले वाले साल में भी लगभग 30 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी.
हर साल बढ़ा इंफ्रा पर खर्च का बजट
सरकारी डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 4.39 लाख करोड़ रुपये, 2021-22 में यह बढ़कर 5.54 लाख करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2022-23 में यह खर्च बढ़कर 7.5 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसके बाद 10 लाख करोड़ रुपये पिछले बजट में बढ़ाकर किया गया था और अब इसे 11.11 लाख करोड़ कर दिया गया है.
विकास की रफ्तार होगी तेज
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने पिछले कुछ सालों में खर्च को बढ़ाया है, उससे विकास की रफ्तार और तेज होगी और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. सड़क निर्माण के बीच वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि मौजूदा हवाई अड्डो के विस्तार और नए हवाई के निर्माण का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. पिछले 10 सालों में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 149 हो गई है. एनएचएआई को इस बार के बजट में 1.68 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसका इस्तेमाल कई शहरों और मेट्रो सिटी में सड़क विस्तार से लेकर निर्माण तक खर्च किया जाएगा.
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Hi, My name is Jyoti Arora. I am a Sr. Journalist from Haryana. I done my post graduation in Journalism and Mass Communication from Kurukshetra University Kurukshetra, Haryana.